पेरिस ओलंपिक | भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 52 साल बाद हराया
वापसी ज़रूर होती है. फिर वो चाहे ज़िंदगी में हो या खेल में. एक बहुत जानी मानी उक्ति है अगर सर्दियां आई हैं तो बसंत भी ज़रूर आएगा. पेरिस ओलंपिक में भी ऐसा ही हुआ. गुरुवार का दिन भारत के लिए निराशा भरा रहा था. पदक जीतने के कई बड़े दावेदार खिलाड़ी हारकर अपनी अपनी स्पर्धाओं से बाहर हो गए थे. लेकिन उस दिन को छोड़कर भारतीय खिलाड़ी आगे बढ़े और उन्होंने कुछ बहुत ही शानदार प्रदर्शन किए. पदक भले ही अभी नहीं आए हों, लेकिन ये ऐसे प्रदर्शन थे, जिन्हें लंबे समय तक याद रखा जाएगा.
सबसे पहले हॉकी की बात. ओलंपिक में आने से पहले के छह महीनों में भारत की हॉकी टीम ने अपने प्रदर्शन से कोई भी ऐसा संकेत नहीं दिया था कि वे पेरिस में टोक्यो का प्रदर्शन दोहरा सकते हैं. लेकिन पेरिस की धरती पर पैर रखते ही हॉकी इंडिया के तेवर बदले-बदले नज़र आए. पिछले एक हफ़्ते में भारतीय लड़कों ने शानदार हॉकी खेली और अपने प्रदर्शन से आश्वस्त किया.
शुक्रवार को भारत ने पूल बी के एक महत्वपूर्ण मैच में ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से हरा दिया. ऑस्ट्रेलिया पर भारत को ये जीत 52 साल बाद आई है.
भारतीय टीम ने जिस शानदार खेल का प्रदर्शन किया वो भारतीय हॉकी के सुनहरे दिनों की याद दिलाता है. उनकी इतना शानदार पासिंग अटैक और डिफेंस हाल के वर्षों में नहीं देखा गया. कप्तान हरमनप्रीत कमाल कर रहे हैं. पेरिस 2024 ओलंपिक में पुरुष हॉकी पूल बी मैच में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से हराया. म्यूनिख 1972 के बाद ओलंपिक में इस प्रतियोगिता में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ यह भारत की पहली जीत है.
भारत ने यवेस-डु-मनोइर स्टेडियम में पहले क्वार्टर में दो मिनट में दो गोल की बढ़त ले ली थी. पहला गोल 12वें मिनट में अभिषेक ने किया और उसके एक मिनट बाद ही हरमनप्रीत ने पेनाल्टी पर एक गोल और करके भारत की बढ़त दो गुनी कर दी. दूसरे क्वार्टर के 25वें मिनट में थॉमस क्रेग ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर गोल अंतर को कम कर दिया. आधा समय इसी स्कोरलाइन पर ख़त्म हुआ. दूसरे हॉफ़ के शुरू होते ही एक बार फिर हरमनप्रीत ने गोल करके भारत की बढ़त 3-1 की कर दी. हालांकि ब्लेक गोवर्स ने 55वें मिनट में गोल करके मैच को अंतिम क्षणों तक रोमांचक बनाए रखा. पर भारत ने अंत तक अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और पूरे तीन अंक हासिल किए. इस मैच में भारत की पकड़ का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत का बॉल पजेशन 54% रहा हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने भारत से अधिक बार सर्कल में प्रवेश किया.
इस जीत के साथ भारत पूल बी में तीन जीत, एक ड्रॉ और एक हार के साथ बेल्जियम के बाद दूसरा और ऑस्ट्रेलिया तीसरे स्थान पर है. चौथे स्थान पर अर्जेंटीना है.
भारत का शानदार प्रदर्शन केवल हॉकी तक सीमित नहीं रहा बल्कि जीत का ताप दूसरे खेलों तक भी पहुंच गया. रेंकि रेड्डी और सेठी युगल की और पीवी सिंधु की हार से उबरते हुए लक्ष्य सेन वही कारनामा ला चैपल एरिना में दोहरा रहे थे, जिसे हॉकी में लड़के अंजाम दे रहे थे.
लक्ष्य सेन ने क्वार्टर फ़ाइनल में चीनी ताइपे के चोउ टीएन चेन को एक कड़े मुक़ाबले 19-21, 21-15, 21-12 से हराया. दुनिया के 22वें नंबर के खिलाड़ी ने 75 मिनट के क़रीबी मुक़ाबले में रोमांचक जीत हासिल की. लक्ष्य सेन ओलंपिक में एकल स्पर्धा के सेमीफ़ाइनल में जगह बनाने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए.
12वीं वरीयता प्राप्त चाउ टीएन चेन ने इस कड़े मुक़ाबले में पहला गेम 21-19 से जीता. दूसरे गेम में भी खड़ा मुक़ाबला चला. लेकिन गेम के बीच में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी उन पर हावी हो गए और गेम 21-15 से जीता. एक-एक गेम की बराबरी के बाद तीसरे गेम में भी लंबी रैलियां हुईं और दोनों ने एक दूसरे को ग़लतियां करने पर मजबूर किया. इसमें लक्ष्य भारी पड़े और आसानी से अपना लक्ष्य हासिल किया.
अब 4 अगस्त को होने वाले सेमीफ़ाइनल में दो बार के युवा ओलंपिक पदक विजेता लक्ष्य सेन का सामना मौजूदा ओलंपिक चैंपियन डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन से होगा.
शानदार प्रदर्शन की शुरुआत चेटोउरौक्स में अब तक दो कांस्य पदक जीत चुकी मनु भाकर ने की. वे अब एक नया इतिहास गढ़ने की दहलीज पर खड़ी हैं. उन्होंने अपनी सबसे पसंदीदा स्पर्धा के 25 मीटर एयर पिस्टल में भी फ़ाइनल में प्रवेश कर लिया है. मनु भाकर क्वालिफ़िकेशन राउंड में 590-24x स्कोर करके दूसरे स्थान पर रहीं. वहीं, ईशा सिंह 581-17x स्कोर के बाद 18वें स्थान पर रही. प्रिसिजन स्टेज में, भाकर ने 294 का स्कोर किया जबकि रैपिड में 296 का स्कोर किया. मनु भाकर पेरिस 2024 में पहले ही दो कांस्य पदक जीत चुकी हैं.
शनिवार को एक और पदक जीतने पर वे ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धाओं में तीन पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन जाएंगी. ओलंपिक के एक ही संस्करण में तीनों पदक जीतना एक अद्भुत भारतीय रिकॉर्ड भी होगा. यूथ ओलंपिक चैंपियन 22 वर्षीय भाकर ओलंपिक खेलों में सबसे सफल भारतीय निशानेबाज़ भी बन सकती हैं.
पुरुषों की स्कीट क्वालिफ़िकेशन स्पर्धा के पहले दिन के बाद भारतीय निशानेबाज़ अनंत जीत सिंह नरूका 68 के कुल स्कोर के साथ 26वें स्थान पर थे. एशियन गेम्स के रजत पदक विजेता नरूका ने पहले और तीसरे राउंड में 23 का स्कोर किया जबकि दूसरे में 22 का स्कोर किया. शेष दो राउंड शनिवार को होंगे.
इस स्पर्धा में अमेरिका के विंसेंट हैनकॉक तीन राउंड के बाद 75 के कुल स्कोर के साथ पहले स्थान पर हैं. उनके हमवतन कोनर लिन प्रिंस (74) और चीनी ताइपे के ली मेंग युआन (74) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. क्वालिफ़िकेशन राउंड के बाद शीर्ष छह निशानेबाज़ ही फ़ाइनल में पहुंचेंगे.
तीरंदाज़ों ने भी बीते कई दिनों की असफलता को पीछे छोड़कर अपनी सफलता का परचम लहराया. हालांकि वे पदक जीतने में ज़रा-सा चूक गए. कांस्य पदक वाले मैच में अंकिता भकत और धीरज बोम्मदेवरा की तीरंदाज़ी मिश्रित टीम संयुक्त राज्य अमेरिका के के सी कॉफोल्ड और ब्रैडी एलिसन के ख़िलाफ़ 2-6 से हार गई. और अपना पहला ओलंपिक तीरंदाज़ी सेमीफ़ाइनल खेलते हुए भारत पोडियम फ़िनिश से चूक गया. कॉफहोल्ड-एलिसन ने पहले और दूसरे सेट में भारतीय जोड़ी को क्रमशः 38-37 और 37-35 से हराया. तीसरे सेट में दो 10 के निशाने ने भारत को प्रतियोगिता में वापसी कराई लेकिन निर्णायक सेट में यूएसए जोड़ी फिर से आगे रही. पांचवीं वरीयता प्राप्त भारत ने सेमीफ़ाइनल में रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया से हारने से पहले इंडोनेशिया (प्री-क्वार्टरफ़ाइनल) और स्पेन (क्वार्टरफ़ाइनल) को हराया.
गोल्फ़ में भारतीय गोल्फर शुभंकर शर्मा और गगनजीत भुल्लर ने दूसरे दिन अपनी पोज़िशन में सुधार किया. शुभंकर ने अपने ओलंपिक डेब्यू पर 69 शॉट्स में 18-होल कोर्स पूरा किया, जो उनके कल के प्रदर्शन से एक शॉट बेहतर है. शुभंकर अब T25 स्थान पर हैं, जबकि गगनजीत T52 पर हैं. दोनों गोल्फ़रों ने कल की तुलना में अपनी रैंक में चार स्थानों का सुधार किया.
भारतीय जुडोका तूलिका मान महिलाओं के 78+ किलोग्राम वर्ग की स्पर्धा के राउंड ऑफ़ 32 में क्यूबा की इडालिस ऑर्टिज़ के ख़िलाफ़ 28 सेकेंड के चले मुकाबले में 10-0 से हार गईं. क्यूबाई जुडोका फ़ाइनल में पहुंचती है तो तुलिका रेपेचेज के पहले राउंड में शामिल होंगी.
कॉमनवेल्थ गेम्स की रजत पदक विजेता और पूर्व दक्षिण एशियाई खेलों की चैंपियन तूलिका मान का यह पहला ओलंपिक है.
एथलेटिक्स में भारत का प्रदर्शन कोई ख़ास नहीं रहा. भारत के तजिंदरपाल सिंह तूर पुरुषों के शॉट पुट क्वालिफ़िकेशन राउंड में ग्रुप ए में 15वें और कुल मिलाकर 29वें स्थान पर रहे. उनका पहला प्रयास 18.05 मीटर का था जो उनका एकमात्र वैध प्रयास था. ये उनके सीज़न बेस्ट 20.38 मीटर से भी कम था. वे लगातार दूसरे ओलंपिक के फ़ाइनल में जगह बनाने में असफल रहे.
पारुल चौधरी महिलाओं की 5 हज़ार मीटर स्पर्धा के पहले राउंड में हीट 2 में 14वें स्थान पर रहीं और फ़ाइनल में जगह बनाने से चूक गईं. हालांकि उन्होंने स्टेड डी फ्रांस में सीज़न बेस्ट समय 15:10.68 निकाला जो उनके राष्ट्रीय रिकॉर्ड समय से 0.33 सेकेंड कम था. वे ओवर ऑल 24वें स्थान पर रहीं. इसी स्पर्धा में अंकिता ध्यानी 16:19.38 समय के साथ हीट 1 में 20वें स्थान पर और कुल मिलाकर 40वें स्थान पर रहीं.
29 वर्षीय पारुल पेरिस 2024 में महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेज में भी हिस्सा लेंगी.
भारत के बलराज पंवार पुरुष एकल स्कल्स स्पर्धा के फ़ाइनल डी में 7:02.37 का समय दर्ज करते हुए पांचवें स्थान पर रहे. 25 वर्षीय आर्मी मैन ने चार साल पहले इस खेल में हिस्सा लेना शुरू किया था. वे पहली बार ओलंपिक में भाग ले रहे थे और ओवर ऑल 23वें स्थान पर रहे. उनके लिए ये भी एक उपलब्धि है. लेकिन ओलंपिक में रोइंग में वे भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज नहीं कर सके. यह रिकॉर्ड अभी भी अर्जुन लाल जाट और अरविंद सिंह की पुरुषों की लाइटवेट डबल स्कल्स जोड़ी के नाम दर्ज है. वे टोक्यो में 11वें स्थान पर रहे थे.
भारतीय सेलर विष्णु सरवनन पुरुषों की डिंगी रेस में स्पर्धा में तीसरी और चौथी रेस में क्रमशः 20वें और 19वें स्थान पर रहे. उनके अब नेट 49 अंक (83 कुल अंक) हैं और कुल स्टैंडिंग में 22 वें स्थान पर है.
उधर टेनिस में एक बार फिर ड्रीम फ़ाइनल सेट हो चुका है. शीर्ष दो वरीयता प्राप्त नोवाक जोकोविच और कार्लोस अल्कराज पुरुष एकल के फ़ाइनल में पहुंच गए हैं. सर्बिया के जोकोविच ने शुक्रवार को कोर्ट फिलिप-कार्टियर अरीना में सेमीफ़ाइनल में लोरेंजो मुसेटी को 6-4, 6-2 से हराया. दूसरे सेमीफ़ाइनल में स्पेन के अलकराज ने कनाडा के फेलिक्स ऑगर-अलियासिमे को 6-1, 6-1 से हराया.
पदक तालिका में अब चीन पहले स्थान पर चल रहा है. उसने कुल 31 पदक जीते हैं जिसमें 13 स्वर्ण, 09 रजत और 09 कांस्य पदक शामिल हैं. दूसरे स्थान पर मेज़बान फ्रांस की टीम है. उसने 11 स्वर्ण 12 रजत और 13 कांस्य पदक सहित कुल 36 पदक जीते हैं. जबकि ऑस्ट्रेलिया तीसरे स्थान पर है. उसने 11 स्वर्ण 06 रजत और 05 कांस्य सहित कुल 22 पदक जीते हैं.
और चलते चलते यह कि अगर आपको ये मुग़ालता है कि पश्चिमी देशों में सब अच्छा ही होता है तो ये ख़बर खास आपके लिए ही है. पेरिस के ओलंपिक खेल गांव में अव्यवस्था और सुविधाओं के अभाव के चलते बहुत सारे खिलाड़ी खेल गांव छोड़ रहे हैं. वहां खिलाडियों को मनपसंद खाना नहीं मिल पा रहा है. पेरिस में तापमान काफ़ी है और खिलाड़ियों के कमरों या तो एसी लगाए नहीं हैं या काम नहीं कर रहे हैं. टॉयलेट्स में टॉयलेट पेपर का अभाव है. बहुत से लोगों को शेयर्ड टॉयलेट्स का प्रयोग करना पड़ रहा है. बहुत सारे लोगों को बिस्तर से भी परेशानी हो रहीं है. वे आरामदायक नहीं हैं. इसी तरह से सीन नदी इतनी प्रदूषित है कि वो तैराकी प्रतियोगिता के क़ाबिल नहीं है. उसमें कोलाई की मात्रा बहुत अधिक है.
कवर | x/@Dev_Fadnavis
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