इलाहाबाद | उर्दू अदब के जाने-माने साहित्यकार शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी नहीं रहे. आज सवेरे उनका इंतकाल हो गया था. वह 85 वर्ष के थे. शाम को अशोकनगर के उनके पारिवारिक क़ब्रिस्तान में उन्हें दफ़्न किया गया. [….]
वह ऐसे फ़ोटोग्राफ़र थे, जो स्वामी भी थे. वह योगी थे, घुमक्कड़ थे और पर्यावरण के प्रति बेहद संवेदनशील इंसान. मगर उनकी आम पहचान फ़ोटो बाबा के नाम से थी. 97 वर्ष के फ़ोटो बाबा यानी स्वामी सुन्दरानंद का कल रात देहरादून में निधन हो गया. [….]
अमेरिका की कवि लुईस ग्लूक को इस वर्ष का साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला है. येल यूनिवर्सिटी में अंग्रेज़ी की प्रोफ़ेसर लुईस को यह पुरस्कार उनके काव्य संग्रह ‘एवेर्नो’ के लिए दिया गया है. इसके पहले 1993 में उन्हें पुलित्ज़र पुरस्कार और 2014 में नेशनल बुक अवॉर्ड भी मिल चुका है. [….]
राहत इंदौरी के नाम के साथ मरहूम लिखने में हाथ कांप गए. सुबह बीमारी की ख़बर सुनी तो उनके सेहत-याब होकर लौटने का पूरा यक़ीन था. मगर शाम को यह मनहूस ख़बर आई. और अभी यह लिखते हुए सोचता हूं कि उनके काम और उनके मिज़ाज को अगर एक लफ़्ज़ में कहना पड़े तो क्या कहेंगे! [….]
राजिंदर गोयल और पद्माकर शिवालकर के नाम आपमें से किसी को याद हैं! अगर हां तो फिर आपको यह भी मालूम होगा ये कितना कुछ एक सा साझा करते हैं. अलग-अलग जगहों पर पैदा होने के बाद भी दोनों की नियति कितनी साझा थी. दोनों घरेलू क्रिकेट के उस्ताद खिलाड़ी थे. [….]
फ़िल्म निर्देशक बासु चटर्जी नहीं रहे. 90 वर्ष के बासु दा ने आज सुबह मुंबई में आख़िरी सांस ली. [….]
रांगेय राघव से अपनी मुलाक़ात के हवाले से एक संस्मरण में कमलेश्वर कहते हैं, ‘लगता है, हिन्दी का यह अकेला आदमी है, जो सामाजिक इकाइयों के अध्ययन और अछूते कलास्थलों की खोज में भटक रहा है. [….]