एकदम अवसन्न-से… बेहद भावुक हो उठे हैं बिज्जी – मगर उस दिन तो आकाश ही उलट पड़ा था. सपना बिखरने में कुछ भी देर नहीं लगी. तब मेरी उम्र रही होगी पच्चीस या छब्बीस बरस… वहां से थोड़ी दूर सोजती गेट पड़ता है – अब वहां जयनारायण जी व्यास की मूर्ति प्रतिष्ठित है – बहुत उदास-उदास, घूम रहा था [….]