मंटो ने डेढ़ सौ से ज्यादा कहानियां लिखीं, व्यक्ति-चित्र, संस्मरण, फ़िल्मों की स्क्रिप्ट और डायलॉग, रेडियो के लिए ढेरों नाटक और एकांकी, पत्र, कई पत्र-पत्रिकाओं में कॉलम लिखे, पत्रकारिता की. कविता को छोड़ दें, तो उन्होंने साहित्य की सभी विधाओं में लिखा है. उनकी तमाम रचनाओं पर ख़ूब बात हुई मगर उनके ख़तों पर बात कम ही हुई. [….]