कला | जे. स्वामीनाथन
“विचारधारा और कला का सम्बन्ध कभी नहीं होता, जैसा कुछ मार्क्सवादी लोग मानते हैं. लेनिन का पोर्ट्रेट बना देने से कला प्रगतिवादी नहीं हो जाती. देखा जाए तो एज़रा पाउंड की सहानुभूति फ़ासिस्ट के साथ थी, लेकिन उसे कोई कैसे कहेगा कि वह एक महान कलाकार नहीं था. स्वयं तालस्तोय कहाँ के प्रगतिवादी थे! [….]