उसका नाम तो रहीम ख़ां था मगर उस जैसा ज़ालिम भी शायद ही कोई हो. गाँव भर उसके नाम से कांपता था न आदमी पर तरस खाए न जानवर पर. एक दिन रामू लुहार के बच्चे ने उसके बैल की दुम में कांटे बांध दिए थे तो मारते-मारते उसको अधमुआ कर दिया. [….]
ज़रूरत है – राष्ट्रीय एकता परिषद् के लिए- एक भारतीय की, जो 50 करोड़ की आबादी वाले मुल्क़ का आदर्श बन सके..
उम्र – वैकल्पिक, पांच से पिच्चानबे साल..
लिंग – मर्द या औरत, लड़का या लड़की..
धर्म – हिन्दू या मुसलमान या ईसाई या पारसी या सिख या बौद्ध या नव-बौद्ध या जैन, या फिर अनीश्वरवादी या नास्तिक… [….]