स-स्क्या की ओर
2 मई को चाय-सत्तू (प्रातराश) करके आठ बजे हम तिड्रि से रवाना हुए. चार घंटे में नेमू गाँव में पहुँचे. आजकल यहाँ खेतों में जुताई का काम हो रहा था. आसपास के पहाड़ों पर जहाँ-तहाँ कुछ बरफ दिखाई पड़ती थी. कहीं-कहीं पानी की नालियाँ बरफ बनी हुई थीं. [….]