उस दिन जब भगतजी की मौत हुई थी, तब हमने कहा था- भगतजी स्वर्गवासी हो गए.
पर अभी मुझे मालूम हुआ कि भगतजी, स्वर्गवासी नहीं, नरकवासी हुए हैं. [….]
एक देश है! गणतंत्र है! समस्याओं को इस देश में झाड़-फूँक, टोना-टोटका से हल किया जाता है! गणतंत्र जब कुछ चरमराने लगता है, तो गुनिया बताते हैं कि राष्ट्रपति की बग्घी के कील-काँटे में कुछ गड़बड़ आ गई है. राष्ट्रपति की बग्घी की मरम्मत कर दी जाती है और गणतंत्र ठीक चलने लगता है. सारी समस्याएँ मुहावरों और अपीलों से सुलझ जाती हैं. सांप्रदायिकता की समस्या को इस नारे से हल कर लिया गया – हिंदू-मुस्लिम, भाई-भाई! [….]