पंडित राधेश्याम कथावाचक ने साहित्यिक जागरूकता, सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार, देशभक्ति, प्रेम-अहिंसा एवं भक्ति भावना से प्रेरित होकर विविध विषय विभूषित, सचित्र मासिक पत्र का श्री गणेश अक्टूबर 1922 ई. की पूर्णिमा को किया. ‘भ्रमर’ का राधेश्याम बरेली से घनिष्ठ सम्बंध है. [….]