अण्णा भाऊ साठे की पहचान एक लोकशाहीर की है. जिन्होंने ‘स्टालिनग्राड’ ‘तेलंगणा’ जैसे जोशीले पंवाड़े और तमाशे रचे. ‘अकलेची गोष्ट’, ‘मौन जुलूस’, ‘तिरसठ नंबर की खोली’, ‘माझी मुंबई’, ‘मुंबई कोणाची’, ‘शेटजीचे इलेक्शन’ लोकनाट्य प्रस्तुत किए. [….]
(आज गोपाल दास नीरज का जन्मदिन है. अपने गीतों और कविताओं में वह हमारे बीच हमेशा प्रासंगिक बने रहेंगे. जिन्होंने ‘नीरज की पाती’ बांची हैं, या फिर जिन लोगों ने उनको मंच या फ़िल्मों में लिखे उनके गीतों के मार्फ़त जाना है, उनके लिए नीरज की शख़्सियत का यह पहलू जानना दिलचस्प होगा. नीरज जी अलीगढ़ में आबाद रहे और डॉ.प्रेम कुमार भी. और डॉ. प्रेम कुमार के [….]