एक क़िस्सा है कि किसी साधु के पास कोई चना लेकर गया और कहा, ‘महाराज चना लाया हूं, भोग लगा लें.’ साधु ने कहा, ‘रख दो, जब लड्डू बन जाएगा तो भोग लगा लूंगा.’ शिष्य को आश्चर्य हुआ, चना लड्डू कैसे बन जाएगा? उसने सोचा आज यहीं बैठ कर देखता हूं [….]
अविभाजित उत्तर प्रदेश में किसी सरकारी कर्मचारी को धमकाने या सज़ा देने की मंशा हो तो अफ़सरों का पसंदीदा जुमला होता था – कहां जाना है, उत्तरकाशी या ललितपुर ? उत्तरकाशी तो ख़ैर अब उत्तराखंड का हिस्सा है. पता नहीं कि इस धमकी का अब वहां कोई वजूद बाक़ी भी है [….]
लॉकडाउन के इस एकांत दौर में सब लोग अपनी-अपनी कला के साथ सोशल मीडिया के माध्यमों पर अवतरित हो रहे हैं. कोई गाना गा रहा है, तो कोई कोरोना से लड़ने के लिए गीत लिख रहा है, किसी ने कविता वाचन शुरू कर दिया है. कुछ मानिंद लोग सीधे लाईव होकर घर तक दस्तक दे रहे हैं [….]