भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) और हिंदी सिनेमा दोनों में ही प्रेम धवन की पहचान एक वतनपरस्त गीतकार की रही. जिन्होंने अपने गीतों से लोगों में वतनपरस्ती का जज़्बा जगाया. एकता और भाईचारे का संदेश दिया. [….]
बलराज साहनी एक जनप्रतिबद्ध कलाकार, हिन्दी-पंजाबी के महत्वपूर्ण लेखक और संस्कृतिकर्मी थे. जिन्होंने अपने काम से भारतीय लेखन, कला और सिनेमा को एक साथ समृद्ध किया. उनके जैसे कलाकार बिरले ही पैदा होते हैं. एक मई, 1913 को रावलपिंडी में जन्मे बलराज साहनी की शुरूआती तालीम गुरुकुल में हुई, जहां उन्होंने हिन्दी और संस्कृत की पढ़ाई की. आला तालीम के लिए लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज पहुंचे [….]
पारसी रंगमंच के बड़े नाटककारों में शुमार किए जाने वाले आग़ा हश्र का असली नाम तो आग़ा मुहम्मद शाह था. उनके वालिद ग़नी शाह तिजारत के सिलसिले में कश्मीर से कभी बनारस आए तो वहीं आबाद हो गए. उनकी पैदाइश बनारस ही के मुहल्ला गोविंद कलां में हुई और जब लिखने लगे तो अपने नाम के साथ पुरखों के वतन का जोड़ लिया था. [….]