शहरों पर लिखना, साहित्य में अब एक अलग विधा के तौर पर विकसित हो रहा है. हालांकि, तक़रीबन सभी दौर में अलग-अलग शहरों पर लिखा गया है. अच्छी बात है कि यह सिलसिला आगे बढ़ रहा है. संस्कृतिकर्मी दिनेश चौधरी की हाल में आई किताब ‘शहरनामा जबलपुर’ इसी सिलसिले की एक कड़ी है. [….]