नेमिचंद्र जैन हिन्दी साहित्य में अकेली ऐसी शख़्सियत हैं, जिन्होंने ज़िंदगी के मंच पर कवि, साहित्य और नाट्य आलोचक, अनुवादक, पत्रकार और संपादक जैसे मुख़्तलिफ़ किरदारों को एक साथ बख़ूबी निभाया. जिस भी विधा में उन्होंने काम किया, अपनी गहरी छाप छोड़ी. अपने दौर तथा अपने समकालीनों को प्रभावित किया. [….]