रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की एक महत्त्वपूर्ण किताब है ‘लोकदेव नेहरू’. पंडित नेहरू की राजनीतिक और अन्तरंग ज़िंदगी के कई अनछुए पहलुओं को यह किताब जितनी आत्मीयता से पेश करती है, वह केवल दिनकर के ही वश की बात लगती है.’लोकदेव’ शब्द दिनकर ने विनोबा भावे से लिया था [….]