वास्तव में उस कटरे का नाम ‘कटरा बी आर्ज़ू’ नहीं था. उसका असली नाम ‘कटरा मीर बुलाक़ी’ था. कारपोरेशन के काग़ज़ों में भी उसका यही नाम लिखा हुआ था. वह तो हुआ यूँ कि जिस दिन शहनाज़ और मास्टर बद्गरुल हसन ‘नायाब’ मछलीशहरी की शादी तै हुई उसी रात उन्होंने इस कटरे का नाम बदलकर ‘कटरा बी आर्जू’ रख दिया. [….]