सहाफ़ी के तौर पर ज़िल्ले हस्नैन नकवी का नाम शायद कम लोगों की स्मृति में हों, मगर रूसी साहित्य के अनुवाद, ग़ालिब, इक़बाल और अमीर ख़ुसरो पर ज़ोए अंसारी की किताबें पढ़ने-पढ़ानों वालों की दुनिया में ख़ूब अहमियत रखती हैं. [….]
लाहौर की उम्र का हर पन्ना इतिहास ने लिखा है. एक तरह से कहें तो इतिहास का दूसरा नाम लाहौर है. इसकी उम्र करीब 1500 साल है. यों पौराणिक कहानियों के हिसाब से यह हजारों साल पुराना है. कहा जाता है कि अयोध्या के राजा राम के पुत्र लव ने इसे बसाया था और दूसरे पुत्र कुश ने आज की भारत-पाक सरहद के पास बसा कसूर नगर बसाया था, मगर यह सब किंवदंतियाँ हैं. [….]
नारायण गणपत राव बोडस यानी नाग बोडस ने कहानियाँ लिखीं, उपन्यास भी लिखा मगर उनकी पहचान नाटककार के तौर पर ही है. अपने नाट्य लेखन से आधुनिक भारतीय रंगमंच को समृद्ध करने वाले नाटककार. ऐसे नाटककार जिनकी मान्यताएं उन्हें दूसरों से अलग करती हैं मगर जो रंगकर्म के लिए बहुत ज़रूरी मालूम देती हैं, चाहे वह रंग-भाषा का मसला हो या फिर नाट्य लेखन का. [….]