प्रयागराज | त्रिधारा नाट्य महोत्सव का समापन हास्य रस से सराबोर नाटक ‘उड़ते पंछी’ से हुआ. रंगभूमि, दिल्ली की ओर से प्रस्तुत इस नाटक का निर्देशन जे.पी. सिंह ने किया. [….]
उन्नाव की ज़रदोज़ी ने देश भर में शोहरत बटोरी है. यहां के कारीगर जितने हुनरमंद हैं, ढंग का बाज़ार नहीं मिलने से उतने ही परेशान और आर्थिक रूप से कमजोर भी. दुश्वारियों से जूझ रहे इन कारीगरों को बेहतर प्लेटफ़ॉर्म दिलाने का बीड़ा ज़ाहिरा बेग ने उठाया था. अब कॉमन फैसिलिटी सेंटर के रूप में उनके इरादों को मुकाम मिला है. [….]
प्रयागराज | ममता कालिया की किताब ‘जीते जी इलाहाबाद’ का लोकार्पण सोमवार को साहित्यिक-सांस्कृतिक बिरादरी बीच हुआ. संस्मरण के रूप में लिखी इस किताब में इलाहाबाद की आधी सदी का साहित्यिक-सांस्कृतिक परिवेश, इतिहास, समाज, मानवीय और भावनात्मक दस्तावेज़ के रूप में दर्ज हुआ है. आयोजन उत्तर-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के प्रेक्षागृह में हुआ. [….]