भारत भवन बनते समय वहाँ काम करने वाले मजदूरों में शामिल भूरी ही हैं, चालीस बरस बाद जिन्हें पद्मश्री सम्मान के लिए चुना गया है – चित्रकार भूरी बाई. भील जनजाति की वह पहली महिला हैं, जिन्हें उनके चित्रों की बदौलत इतनी ख्याति, इतना सम्मान मिला है. [….]
भिकियासैंण | आदमख़ोर तेंदुए के ख़ौफ़ से इलाक़े के लोगों को आख़िरकार निजात मिल गई. शिकारियों ने स्याल्दे ब्लॉक के बरंगल गांव में मंगलवार की रात इस तेंदुए को मार गिराया. [….]
हरदोई | ख़ास स्वाद वाले लड्डुओं के संडीला की नई पहचान रिवॉल्वर बन गया है. रिवॉल्वर बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी वेब्ले एण्ड स्कॉट के संडीला में लगे प्लांट में उत्पादन शुरू हो गया है और 120 रिवॉल्वर बन भी गए हैं. कंपनी ने शुक्रवार को एक-एक रिवॉल्वर कानपुर और लखनऊ में शस्त्र विक्रेताओं को भेजा. [….]
हरदोई। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक मूर्ति पिछले 21 साल से यहाँ मालख़ाने में रखी हुई है. नगर पालिका की ज़मीन पर मूर्ति लगाने की कोशिश करने पर पुलिस ने दो लोगों का चालान करके मूर्ति मालख़ाने में जमा करा दी थी. [….]
बरेली | सर्दी का प्रकोप तो अभी बना ही रहेगा, 24 और 25 जनवरी को कहीं-कहीं हल्की बारिश या बूंदाबांदी भी हो सकती है. बादल आसमान घेरे रहेंगे, अलबत्ता सूरज की ताका-झांकी भी चलती रहेगी. सिहरन पैदा करने वाली हवाएं भी चलेंगी. [….]
कानपुर देहात | यों तो वह बच्चों के खिलौने-सी पिपिहरी है मगर किसानों के लिए बड़ी कारगर निकली. कम से कम यहाँ के गाँव वालों को छुट्टा मवेशियों से छुटकारा दिलाने में कमाल की मददगार साबित हुई है. [….]
भोपाल | रंगश्री लिटिल बैले ट्रूप की स्थापना की आज 70वीं वर्षगाँठ मनाई गई. इस मौक़े पर रंगश्री परिसर की गुल अभ्यासशाला में दो नृत्य-नाटिकाओं की प्रस्तुति हुई. ये नृत्य नाटिकाएं हाल ही में दो समानांतर कार्यशालाओं में तैयार हुईं. [….]
गाबा के मैदान पर तिरंगा लहाराया तो दुनिया भर में हिंदुस्तानी टीम का डंका बज उठा. यह भारतीय टीम की शानदार जीत है, जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ही नहीं बल्कि क्रिकेट प्रेमियों की स्मृति में भी हमेशा के लिए दर्ज हो गई है. [….]
‘शऊर की दहलीज’ का मलयालम् में हुआ अनुवाद छपकर आ गया है. हिंदी के कथाकार-आलोचक डॉ.प्रेमकुमार की इस किताब का अनुवाद प्रो.बी.पी.मुहम्मद कुंज मेत्तर ने किया है. यह किताब उर्दू अदब के नौ नामचीन रचनाकारों के इंटरव्यू का संकलन है. [….]
बांदा | भंडारण की मुश्किल से जूझने वाले छोटे किसानों के लिए असलम ख़ाँ का बनाया हुआ भंडारगृह का मॉडल वरदान साबित हो सकता है. इसकी ख़ासियत यह है कि इसके लिए न तो बिजली की ज़रूरत होगी और न ही किसी तरह के संयंत्र के. यह भंडारगृह उन्होंने अपने कृषि फार्म में ही बनाया है. [….]