हबीब तनवीर पाश्चात्य नाट्य परंपरा की बहुत गहरी जानकारी रखने वाले निर्देशक थे और उससे उनका निकट का परिचय भी था. अपना रंग मुहावरा तलाशते हुए या अपने रंगमंच की भाषा तय करते हुए उन्होंने अपनी जड़ें अपनी परंपरा में जमाई, लेकिन अपने आप को सीमित नहीं किया. [….]