नई दिल्ली | साहित्य से लगाव रखने वालों के लिए राजकमल प्रकाशन समूह की ख़ास पेशकश ऑनलाइन बुक फ़ेयर आज से शुरू हो गया है. राजकमल प्रकाशन की वेबसाइट (www.rajkamalprakashan.com) पर 21 से 30 जून तक वेबसाइट पर मौजूद सभी किताबें आकर्षक छूट [….]
यह रविवार की गहराती शाम है. पेरिस में फ़िलिप कार्टियर अरीना में फ़्रेंच ओपन प्रतियोगिता के पुरुष एकल के फ़ाइनल मैच में 4 घंटे और 19 मिनट के संघर्ष के बाद के दो खिलाड़ी दो अलग-अलग फ्रेमों में एक ख़ूबसूरत दृश्य बना रहे हैं. [….]
नई दिल्ली | गीतांजलि श्री के ख़िताबी उपन्यास ‘रेत-समाधि’ को कल शाम दास्तान की तरह सुना गया. राजकमल प्रकाशन के कृति-उत्सव के तहत दास्तानगो महमूद फ़ारूक़ी और पूनम गिरधानी ने शनिवार की शाम गीतांजलि श्री के इस बहुचर्चित उपन्यास [….]
समय गौधूलि. दिन गुरुवार. दिनांक 6 जून. सन् 2024. स्थान भारतीय फ़ुटबॉल का मक्का कोलकाता का बिबेकानंद जुबा भारती क्रीडांगन स्टेडियम.
इस स्टेडियम के भीतर शोर 120 डेसीबल हुआ जाता है. 68 हज़ार से भी ज़्यादा दर्शक उत्साह के चरम पर हैं. [….]
नई दिल्ली | गीतांजलि श्री के अन्तर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित उपन्यास ‘रेत-समाधि’ पर आधारित ‘दास्तान-ए-रेत-समाधि’ 8 जून को इंडिया हैबिटेट सेंटर में पेश की जाएगी. [….]
नई दिल्ली | देश-दुनिया में खाने-पीने के ठिकानों के मेन्यू और ज़ाइक़े के शौक़ीनों के बीच बटर चिकन को ख़ासी शोहरत हासिल है, सबकी अपनी रेसिपी और सबका अपना स्वाद. बहुतेरे लोगों का यह पसंदीदा व्यंजन इन दिनों ख़बरों की दुनिया में सुर्ख़ियों में है और वजह है इसकी ईजाद को लेकर विवाद. [….]
(निर्मल वर्मा होते तो आज 96 वर्ष के हो गए होते. कथा-कहानी, निबंध, उपन्यास, यात्रा-वृतांत, रिपोर्ताज कितनी ही विधाओं में उनके लेखन ने हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया. उनकी कहानी परिन्दे को नई कहानी आंदोलन की पहली रचना माना जाता है. कथाकार डॉ.प्रेम कुमार [….]
लेकिन अगले दिन बातों का अवसर आसानी से नहीं मिल पाना था— “कल आप साढ़े चार तक आ सकते हैं क्या?” सुबह का समय चाहा तो व्यस्तता बताई गई. अन्ततः गगन जी के साथ बातचीत के अपने लोभ का उल्लेख करते हुए. मैंने तीन बजे तक पहुँचने की कहकर कार्यक्रम [….]
नई दिल्ली | निर्मल वर्मा के नए कहानी संग्रह ‘थिगलियाँ’ का लोकार्पण बुधवार को इंडिया हैबिटेट सेंटर के गुलमोहर सभागार में होगा. सुपरिचित कवि गगन गिल द्वारा सम्पादित इस संग्रह का लोकार्पण प्रख्यात आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी करेंगे. निर्मल वर्मा की 96वीं जयंती [….]
नई दिल्ली | पढ़ना भी एक कला है. लिखे हुए को समझने के लिए एक नज़र होना ज़रूरी है. अगर आप ज़िंदगी की नब्ज़ को अपने लेखन में ला पा रहे हैं तो आपका लिखा हुआ बहुत पढ़ा जाएगा. लेकिन हिन्दी का लेखक समाज पाठक की चाहना से बहुत डरा हुआ है. [….]