सुबह-सुबह जब तैयार होकर निकलने की तैयारी कर रहा था, तो किसी ने टोका था – तैयारी तो ऐसे कर रहे हो जैसे डेट पर जा रहे हो! मैंने भी सहमति जताते हुए सिर हिलाया – हां, मैं डेट पर जा रहा हूं, अपनी पसंदीदा किताबों से मिलने, वह भी क़रीब 25 साल बाद. [….]
दोस्तो और शुभचिंतकों के ‘गुड मॉर्निंग’ संदेशों की छटा में इन दिनों भारी बदलाव आया है. किसी फ़ोटो पर चस्पा अंग्रेज़ी वाले प्रेरक जुमलों के साथ ‘गुड मॉर्निंग’ के बजाय संदेश अब संस्कृत में भी आने लगे हैं. भेजने वालों की ख़ुद की संस्कृत की समझ के बारे में मुझे कोई अंदाज़ नहीं [….]
चन्द्रभागा-कोणार्क मैरीन ड्राइव पर बस अपनी पूरी रफ़्तार से चल रही थी. यात्रा का आनन्द लेते हुए मुसाफ़िर अपने उड़िया गाइड के साथ बस के अन्दर एक और यात्रा पर निकल पड़े थे. यात्रा के अन्दर चलने वाली इस तरह की अन्तर्यात्राओं में हम ख़ुद को ऐसे मोड़ पर पाते हैं [….]
लगभग महीने भर बाद फिर दफ़्तर जाना शुरू हो गया है. मेरे साथ साथ मां और बेटी की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है. दिल में सुकून है. लेकिन ये सुकून ख़ुशी से आवृत न होकर भय, आशंका और संत्रास घिरा है. [….]
फागुन आकर ठहर गया देखो आज सिवान में/ प्यारे रहना मुश्किल होगा अब तो बंद मकान में. फागुन की आहट सुनाई पड़ने लगी है. या ये कहें कि धीरे धीरे फागुन हमारे अन्दर दस्तक देने लगा है. खेतों में सरसों की पीली चादर बिछ गई है. आम के पेड़ों पर बौर आ रहे हैं. [….]