“चित्रकला वह कविता है, जिसे देखा जाता है और कविता वह चित्रकला है, जिसे महसूस किया जाता है।”
-लियोनार्डो दा विंची [….]
इसे अपने अतीत से दुबारा मुलाक़ात या बोलचाल कह सकते हैं. इसे अपने ही लोक की संवेदना से एक बार फिर जुड़ने, उसे जानने या संवेदना के लोक से गुज़रने, उसमें विचरने का अवसर माना जा सकता है या फिर उसे अपनी विज़ुअल लिटरेसी या दृश्यों की साक्षरता में कुछ दृश्य और जोड़ने के लोक आयोजन के रूप में ले सकते हैं, जिसमें विचित्र [….]
हिंदी के सुपरिचित कथाकार शेखर जोशी का आज दोपहर को ग़ाजियाबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 90 वर्ष के थे. सन् 1997 में उनको ‘पहल सम्मान’ दिए जाने की घोषणा के बाद 18 सितंबर को इलाहाबाद में प्रवीण से उनकी यह बातचीत पुरानी ज़रूर है, मगर उनकी रचनाधर्मिता और नज़रिये को समझने में मदद करती है. -सं. [….]
मदिरा और मद्यपान का गरिमापूर्ण-ग्लैमरयुक्त चित्रण करने वाले रस पारखियों और मद्य प्रेमियों के लिए यह लॉक डाउन निष्ठुर महीना बन गया है. प्रयागराज में गंगा और यमुना कहीं अधिक स्वच्छ और निर्मल होकर बह रही हैं, उनका संगम हो रहा है लेकिन इलाहाबाद के शराबी शाम के अपने संगम से दूर हैं. फिर भी उम्मीद है कि नहीं जा रही है. [….]