जनपक्षधर, जुझारू पत्रकार और हिंदी-उर्दू-पंजाबी अदब के शैदाई अमरीक सिंह नहीं रहे. पिछले शनिवार को देर रात पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में उन्होंने आख़िरी सांस ली. उनके दोस्तों को भी यह ख़बर देर से ही मिल पाई. बड़ी ही ख़ामोशी से उन्होंने इस दुनिया से अपनी रुख़्सती ले ली. उन सभी के लिए, जो उनके लेखन को पढ़ते-पसंद [….]