मसाला फ़िल्मों की भीड़ में जगह बनाना सबसे मुश्किल काम है. ऐसे में कोई फ़िल्म तमाम दिक़्क़तों और जद्दोजहद से पार पाते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फ़लक पर दर्शकों का ध्यान खींचती है, तो उसकी तारीफ़ ज़रूर की जानी चाहिए. ऐसी ही एक उत्कृष्ट बांग्ला फ़िल्म है, ‘मानिक बाबूर मेघ.’ इस फ़िल्म का अंग्रेज़ी टाइटल [….]