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‘एक मस्त फ़कीरः नीरज’ गोपालदास नीरज की सर्जना के तरीक़े और उनकी फ़िक़्र को बेहतर ढंग से समझने की कुंजी भी है. इस किताब में डॉ. प्रेम कुमार ने उनकी शख़्सियत के कितने ही रंग संजोये हैं, उनके कृतित्व को समझने में मददगार तमाम पहलुओं पर विस्तार से और बेबाकी से बातचीत की है. नीरज से उनका लंबे साक्षात्कार की आख़िरी कड़ी. -सं [….]