नई दिल्ली | हिन्दी की प्रतिष्ठित त्रैमासिक पत्रिका ‘आलोचना’ की वेबसाइट www.aalochanamagazine.com सोमवार से शुरू हो गई. वेबसाइट पर आलोचना के पुराने अंकों के लेखों के साथ नई पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध होगी. [….]
(निर्मल वर्मा होते तो आज 96 वर्ष के हो गए होते. कथा-कहानी, निबंध, उपन्यास, यात्रा-वृतांत, रिपोर्ताज कितनी ही विधाओं में उनके लेखन ने हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया. उनकी कहानी परिन्दे को नई कहानी आंदोलन की पहली रचना माना जाता है. कथाकार डॉ.प्रेम कुमार [….]
लेकिन अगले दिन बातों का अवसर आसानी से नहीं मिल पाना था— “कल आप साढ़े चार तक आ सकते हैं क्या?” सुबह का समय चाहा तो व्यस्तता बताई गई. अन्ततः गगन जी के साथ बातचीत के अपने लोभ का उल्लेख करते हुए. मैंने तीन बजे तक पहुँचने की कहकर कार्यक्रम [….]
(हमारे दौर के महत्वपूर्ण साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल ने अपने लेखन को किसी एक विधा से बाँधकर नहीं रखा, फिर भी ग्राम्य पृष्ठभूमि पर लिखा गया व्यंग्य की अनूठी छटा वाला उनका उपन्यास ‘राग दरबारी’ पाँच दशकों से भी ज़्यादा वक़्त गुज़र के बावजूद उनकी बड़ी पहचान है. [….]
अब बातें परसाई जी के लेखन की हो रही थी.
-एम.पी. में काफ़ी लोगों ने परसाई की नक़ल में लिखा. उनके निबन्ध कमज़ोर हैं, कथाएँ उत्कृष्ट. [….]