बरेली | अयोध्या में होने जा रहे ‘दीपोत्सव 2025’ के लिए ‘विंडरमेयर की रामलीला’ का चयन किया गया है. इस साल श्रीलंका, इंडोनेशिया, थाइलैंड, नेपाल और रूस की रामलीलाएं भी आमंत्रित की गई हैं. भारत से ‘विंडरमेयर की रामलीला’ को चयनित किया गया है. [….]
नई दिल्ली | हिन्दी कथा-संसार में हाशिए की ज़िंदगियों को आवाज़ देने वाले कथाकार अब्दुल बिस्मिल्लाह अपने जीवन के 75 वर्ष पूरे कर चुके हैं. उनकी रचनाएँ गाँव-समाज, बोली-बानी और साधारण मनुष्य के संघर्षों का जीवंत दस्तावेज़ रही हैं. इसी रचनात्मक धरोहर का उत्सव मनाने के लिए 19 अगस्त की शाम को इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में राजकमल [….]
प्रयागराज | मूर्धन्य रंगकर्मी रतन थियाम की स्मृति में यूनिवर्सिटी थियेटर की ओर से स्वराज विद्यापीठ में आयोजित स्मृति-सभा में मणिपुर दूरदर्शन द्वारा रतन थियाम पर निर्मित वृत्तचित्र का प्रदर्शन किया गया और उनके कृतित्व पर चर्चा करके उन्हें याद किया गया.
इस मौक़े पर जुटे विद्यार्थी वृतचित्र देख कर रतन थियाम के निर्देशन और [….]
प्रयागराज | कवि और चिंतक प्रो. बद्रीनारायण मानते हैं कि शिशिर सोमवंशी की कविताओं की वाचिकता इसकी शक्ति है. श्रवण और वाचन कविता के और तरह के अर्थ खोलते हैं. कविता बहु अर्थ देने वाली विधा है. उनका ताज़ा संग्रह भी इसी की पुष्टि करता है.
शिशिर सोमवंशी की कविताओं के संग्रह ‘शायद तुमने हो पहचाना’ के लोकार्पण [….]
संवाद बुकशेल्फ़ | ऐसे में जब शहरी लैंडस्केप से किताबों की दुकानें ग़ायब होती जा रही हैं और ऑनलाइन ठिकाने या प्रकाशक ही किताबें ख़रीदने का अकेला ज़रिया बनते जा रहे हैं, यह स्तंभ हिंदी और अंग्रेज़ी की ताज़ा छपी किताबों से आपको परिचय कराने और उनके बारे में मुख़्तसर जानकारी देने की कोशिश है. इनमें संपादक की पसंद की किताबें भी [….]
इस साल के साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार की हिंदी किताबों की श्रेणी में पार्वती तिर्की का कविता-संग्रह ‘फिर उगना’ को पुरस्कार के लिए चुना गया है. 2023 में राधाकृष्ण प्रकाशन से छपे उनके इस पहले कविता-संग्रह को हिन्दी कविता के समकालीन परिदृश्य में एक नई और ज़रूरी आवाज़ के रूप में देखा गया है. उनकी कविताओं में आदिवासी [….]
नई दिल्ली | हिन्दी कविता की युवतम पीढ़ी में पार्वती तिर्की का स्वर अलग से पहचाना जा सकता है. उनकी कविताओं में आदिवासी जीवन-दृष्टि, प्रकृति और सांस्कृतिक स्मृतियों का वह रूप सामने आता है, जो अब तक मुख्यधारा के साहित्य में बहुत कम दिखाई देता रहा है. झारखंड के कुडुख आदिवासी समुदाय से आनेवाली कवि पार्वती तिर्की को उनके [….]
संवाद बुकशेल्फ़ | ऐसे में जब शहरी लैंडस्केप से किताबों की दुकानें ग़ायब होती जा रही हैं और ऑनलाइन ठिकाने या प्रकाशक ही किताबें ख़रीदने का अकेला ज़रिया बनते जा रहे हैं, यह स्तंभ हिंदी और अंग्रेज़ी की ताज़ा छपी किताबों से आपको परिचय कराने और उनके बारे में मुख़्तसर जानकारी देने की कोशिश है. इनमें संपादक की पसंद की किताबें भी [….]
संवाद बुकशेल्फ़ | ऐसे में जब शहरी लैंडस्केप से किताबों की दुकानें ग़ायब होती जा रही हैं और ऑनलाइन ठिकाने या प्रकाशक ही किताबें ख़रीदने का अकेला ज़रिया बनते जा रहे हैं, यह स्तंभ हिंदी और अंग्रेज़ी की ताज़ा छपी किताबों से आपको परिचय कराने और उनके बारे में मुख़्तसर जानकारी देने की कोशिश है. इनमें संपादक की पसंद की किताबें भी [….]
नई दिल्ली | बानू मुश्ताक़ के कहानी-संग्रह को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया जाना सभी भारतीय भाषाओं के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. यह गौरवपूर्ण क्षण भारतीय भाषाओं की गहन रचनात्मकता, उनकी वैश्विक संभावनाओं और अनुवाद के माध्यम से उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँचाने की अद्भुत क्षमता पर गंभीरता से विचार करने की ओर [….]
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के शोर के बीच, कैमरे और फ़ोटोजर्नलिज़्म की ज़रूरत ख़त्म मान लेने वाली दुनिया में ताज़ा बवंडर वर्ल्ड प्रेस फ़ोटो के उस फ़ैसले को लेकर खड़ा हुआ है, जिसमें उन्होंने दुनिया भर में ‘नापाम गर्ल’ के नाम से पहचानी जाने वाली तस्वीर ‘द टेरर ऑफ वॉर’ के लिए निक यूट का श्रेय निलंबित कर दिया है. 8 जून, 1972 को बनाई हुई इस तस्वीर [….]