टिहरी गढ़वाल के उस छोटे-से गाँव मरोड़ा में आमतौर पर बाहर के लोग दिखाई नहीं देते थे, यही वजह है कि धोती-कुर्ता और टोपी पहने, हाथ में संदूकची थामे उस अजनबी नौजवान को देखकर मैदान में खेल रहे बच्चों में कौतूहल जागा. खेलना छोड़-छाड़कर बच्चों भागकर उस अजनबी के पास पहुंच गए. [….]