आम बोलचाल के शब्दों के मूल की तलाश बहुत बार ख़ासी दिलचस्प होती है. उन्हें मूल रूप में या अपनी ज़बान के मुताबिक ढालकर हम बोलते हैं, और वे सुनने वालों पर अपने मायने के साथ ज़ाहिर हो जाते हैं. भाषा की ईजाद भी तो इसी मक़सद से हुई थी. [….]
हिंदी के सुपरिचित कथाकार शेखर जोशी का आज दोपहर को ग़ाजियाबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 90 वर्ष के थे. सन् 1997 में उनको ‘पहल सम्मान’ दिए जाने की घोषणा के बाद 18 सितंबर को इलाहाबाद में प्रवीण से उनकी यह बातचीत पुरानी ज़रूर है, मगर उनकी रचनाधर्मिता और नज़रिये को समझने में मदद करती है. -सं. [….]