डोगरी की ख्यात कवि पद्मा सचदेव ने हिंदी में भी विपुल लेखन किया. उन्होंने आकाशवाणी जम्मू और मुंबई में भी काम किया. आज तड़के उनका निधन हो गया. वह 81 वर्ष की थीं. उनकी संपादित किताब ‘दरवाज़ा खुला रखना’ इब्ने इंशा पर केंद्रित है. यह संस्मरण इसी किताब से.. [….]