बहेड़ी | ताज बैंक्विट् हॉल वाली सड़क पर आबाद एक घर को दुल्हन का इंतज़ार है. झालरों की रोशनी से जगमग इस घर के बाहर कुछ लोग खड़े बतिया मिले. उनकी बातचीत के केंद्र में शादी के ही क़िस्से हैं, हालांकि इस शादी के किस्से महीने भर से सुर्ख़ियों में हैं. [….]
रात का घुप्प अंधेरा. लॉक डाउन के सन्नाटे में कहीं कोई नज़र नहीं आता. आमतौर पर देर रात तक आबाद रहने वाली गलियों में ख़ामोशी छाई हुई थी. शहर की एक बस्ती का एक घर. इस घर में रात को एक शख़्स दाखिल हुआ है. दबे पांव. उसके कदम सीधे घर की रसोई की तरफ़ बढ़ते हैं. रसोई के बर्तन टटोलने पर कुछ बर्तनों में उसे खाने का सामान रखा हुआ मिल गया. ग़ालिबन रात को घर में जो खाना बना रहा होगा, उसमें से बचा हुआ उन बर्तनों में था. [….]