रस्किन बॉन्ड की आत्मकथा ‘लोन फ़ॉक्स डासिंग’ के हिंदी में अनुवाद करने के प्रस्ताव के साथ एक शर्त यह भी थी कि अगर मैं अनुवाद न करना चाहूँ तो कोई बात नहीं, पर मुझे भेजी गई किताब की प्रति लौटा ज़रूर दूँ. और बॉन्ड की कहानियाँ पढ़ते, अपने और दोस्तों के बच्चों को पढ़ाते रहने के अपने बरसों तजुर्बे की बिना पर मैंने हामी भर दी थी. अनुवाद [….]