बरेली | ‘मेज़ॉक’ कहानियों का ऐसा कोलाज है, जिसमें प्रकृति है, प्रेम है, ज़िंदगी की नैसर्गिक सहजता और उन्मुक्तता और ख़्वाहिशें हैं, महानगरीय ज़िंदगी की चुंबकीय चकाचौंध और उसकी भूलभुलैया है, रोज़गार के सवाल हैं और व्यवस्था के मकड़जाल भी, सैलानियों को खींचते पहाड़ हैं, और पहाड़ से गए लोगों की बाट जोहती मद्धिम पुकार है, मगर जिसकी अनुगूँज [….]